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Auto Expo 2023 This Post Design By The Revolution Deshbhakt Hindustani

Auto Expo 2023

ऑटोमोटिव इंडस्ट्री में भारत के भविष्य को देखते हुए, साल 1985 में Society of Indian Automobile Manufacturers, Confederation of Indian Industry और Automotive Component Manufacturers Association of India मिलकर ऑटो एक्सपो का आइडिया लेकर आए। साल 1986 में पहला ऑटो एक्सपो, सफलता पूर्वक आयोजित किया गया था। इसका 16वां एडिशन साल 2022 में होना था, लेकिन कोविड 19 की वजह से यह एडिशन अभी हाल ही में, 13 से 18 जनवरी 2023 को हुआ है। ऑटो एक्सपो है क्या। वास्तव में, यह इवेंट दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा ऑटोमोटिव इवेंट है। एक ऐसा प्रोग्राम, जो प्रोडक्ट्स और टैक्नोलॉजिकल कॉन्सेप्ट के संदर्भ में मोटर व्हीकल की दुनिया को, एक मंच पर लाता है। एक ऑटो एक्सपो सिर्फ कारों के एग्जिबिशन और लॉन्च करने तक सीमित नहीं है, यह इस इंडस्ट्री की भविष्य की संभावनाओं, मैन्यूफैक्चरर्स की ब्रांड इमेज और ग्लोबल कॉन्सेप्ट को भारत में लाने के बारे में है।

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पहली बार, यह एग्जिबिशन, 3 से 12 जनवरी 1986 को, प्रगति मैदान में आयोजित किया गया था। यह एक्सपो, उस समय 12000 वर्ग मीटर के इनडोर और 4000 वर्ग मीटर के आउटडोर स्पेस में, एक शानदार शुरुआत थी। लेकिन इसे, अपने शुरूआती दौर में ही झटका लग गया। और इसलिए अगला ऑटो एक्सपो आयोजित करने में, छह साल लग गए। आखिरकार, साल 1993 में मेगा ऑटो एक्सपो का दूसरा संस्करण हुआ। दूसरे एडिशन में हुई देरी, से एक बात पता चल गई थी कि भारतीय बाजार नई टेक्नोलॉजी और वाहनों के लिए, एक मंच प्रोवाइड करवाने के लिए पूरी तरह से तैयार और डेवलप नहीं था। हां यह अलग बात थी कि, दूसरे संस्करण में, छह साल से ज्यादा के गैप के बावजूद, 7 देश शामिल हुए थे। इसके बाद साल 1996 में आयोजित, ऑटो एक्सपो का तीसरा संस्करण इसलिए अहम साबित हुआ, क्योंकि इस एग्जिबिशन में पहली बार यूरोपियन यूनियन-इंडिया ऑटोमोटिव बिजनेस फोरम का आयोजन भी किया गया था। चौथा एडिशन साल 1998 में हुआ था, जिसकी खास बात यह थी कि तब से यह एक्सपो, हर 2 साल में ऑग्रेनाइज होने लगा। साल 2000 में इस ऑटो एक्सपो का 5वां संस्करण पहले की तुलना में एक बड़े लेवल पर हुआ, जिसमें लगभग 1,000 व्हीकल मैन्यूफैक्चरर अपने प्रोडक्ट्स के साथ इस एग्जिबिशन में शामिल हुए। ये सिलसिला यूं ही चलता रहा और साल 2020 में इसका 15वां संस्करण हुआ, जिसमें इलेक्ट्रिक व्हीकल का ट्रेंड देखने को मिला।

ऑटो एक्सपो- 2023 में 1 लाख से ज्यादा विजिटर्स शामिल हुए। यह 2 पार्ट्स में आयोजित किया गया। एक कार्यक्रम नई दिल्ली के प्रगति मैदान में हुआ, जहां पर केवल कंपोनेंट शो हुए। वहीं, दूसरा आयोजन ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो मार्ट में किया गया। इस एग्जिबिशन में, 15 देशों की 800 कंपनियों और फ्रांस, जर्मनी, जापान, यूके के पवेलियन के साथ कंपोनेंट्स शो देखने को मिले। इस बार इसका थीम - 'टेक्नोवेशन - फ्यूचर टेक्नोलॉजीज एंड इनोवेशन के लिए ग्लोबल प्लेटफॉर्म' रखा गया था। इस एग्जिबिशन ने भारत के ऑटोमोटिव कंपोनेंट इंडस्ट्री के लिए इनोवेशन के भविष्य का एक मॉडल पेश किया। इलेक्ट्रोनिक व्हीकल्ज और कई मेगाट्रेंड्स के साथ, इसमें, 1,400 से ज्यादा नए प्रोडक्ट शामिल थे। इसमें, एक सस्टेनेबल और ग्रीन एनवायरनमेंट के लिए भारत, की ऑटोमोबिल इंडस्ट्री की फ्यूचर प्लानिंग का आइना दिखा। आसान शब्दों में कहें, तो 16वां संस्करण, क्लीन टेक्नोलॉजी, सॉफ्टवेयर, ऑटोनॉमस एंड शेयर्ड मोबिलिटी और electrification पर आधारित था। पिछले 25 सालों में ऑटो एक्सपो में जबरदस्त बदलाव देखने को मिले हैं। आज यह एक पोपुलर ग्लोबल इवेंट बन चुका है, जिस पर देश के लोगों, और कंपनियों के साथ-साथ, विदेशी मैन्यूफैक्चरर भी भरोसा कर रहे हैं। और यही कारण है कि इस साल का एग्जिबिशन इतनी ज्यादा संख्या में विदेशियों को अटरैक्ट करने में कामयाब रहा। ऑटोमोटिव value chain, का नेटवर्क पूरे भारत में फैला हुआ है। आज यह सेक्टर देश के मैन्यूफैक्चर जीडीपी में 49% और कुल जीडीपी में 7.5% योगदान देता है। यह सेक्टर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 36 मिलियन लोगों के लिए रोजगार का जरिया है। इतना ही नहीं, साल 2026 तक, यह आंकड़ा बढ़कर 65 मिलियन होने की उम्मीद है। इसलिए, भारतीय मोटर वाहन क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था का एक प्रमुख हिस्सा है। 8 साल पहले ऑटो मोबाइल सेक्टर की जीडीपी 2.77% थी, जो अब 7 परसेंट से ज्यादा हो गई है। ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में भारत, दुनिया में तीसरे नंबर पर है। पिछले कुछ सालों में, कई व्हीकल मैन्यूफैक्चरर बाजार से बाहर हो गए हैं, लेकिन इनोवेशन को प्राथमिकता देने वाली कंपनियों के लिए, अभी भी बहुत मौके हैं। इलेक्ट्रॉनिक और हाइब्रिड व्हीकल्ज में, रिकॉर्डतोड़ इनोवेशन देखने को मिल रही है, और फ्यूल की समस्या से जूझ रही दुनिया का फ्यूचर, इसी इनोवेशन पर टिका है। इंडस्ट्री लगातार बदल रही है, नए नए मॉडल पेश किए जा रहे हैं, इसलिए भारत को तैयार रहने की जरूरत है।